बाबा केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर गढ़वाल हिमालय में स्थित है ,यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है .यह मंदिर मन्दाकिनी नदी के बिलकुल नजदीक स्थित है तथा मंदिर के कपाट साल में केवल 6 महीने ही भक्तों के लिए खुले रहते है .बाकी 6 महीने मंदिर के विग्रहा को नीचे उखीमठ में लाया जाता है और यहीं पर पूजा -पाठ होती है .भक्तों की दर्शन हेतु अधिकतर भीड़ केदारनाथ में ही होती है क्योंकि केदारनाथ धाम चार धाम यात्रा का हिस्सा है .केदारनाथ मंदिर का प्रबंधन श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा किया जाता है .
मंदिर का इतिहास-
बाबा केदारनाथ जी के मंदिर के बारे में कोई ऐसा पुख्ता इतिहासिक प्रमाण नहीं है जो मंदिर के निर्माण के बारे में सही जानकारी दे सके .मंदिर निर्माण के बारे में तीन कहानियां प्रचलित है जो निम्न है –
- नर-नारायण ऋषियों द्वारा शिवजी को प्रसन्न किया गया ,जब शिवजी प्रसन्न हो गए तब उन्ही ऋषियों ने ज्योर्तिलिंग स्थापित किया .
- पुराणों में मंदिर के निर्माणकर्ता का श्रेय पांड्वों को दिया गया है ,बताया जाता है की खुद की भाइयों की हत्या के बाद पांड्वों को आत्म ग्लानि हुयी तब उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया.
- कुछ विद्वानों ने कहा है की केदारनाथ मंदिर पीठ की स्थापना 8वीं के संत आदि शंकराचार्य ने की है ,कुछ हद तक इसे ही सत्य माना जाता है.
कब जायें-
हिमालय में स्थित होने के कारण केदारनाथ धाम बर्फ़बारी ,दुर्गम रास्तों और भूस्खलन से प्रभावित रहता है.यह केवल 6 माह के लिए खुलता है जो अप्रैल से शुरू होकर मध्य नवम्बर तक चलता है .पीक सीजन मई और जून में होता है और इस समय यहाँ भीड़ भी काफी होती है ,फिर मानसून सीजन में बारिश और लैंडस्लाइड के कारण यात्रा बंद भी कर दी जाती है और इस समय भीड़ भी कम होती है.इसके बाद सितम्बर और ओक्टुबर में भी यहाँ भक्तों की लाइन लगी रहती है लेकिन भीड़ कुछ हद तक कम ही रहती है ,मेरे हिसाब से ये समय यहाँ आने के लिए बेस्ट रहता है क्योकि मौसम साफ़ और शांत रहता है तथा भीड़ भी कम रहती है .
कैसे जायें-
हवाई यात्रा – केदारनाथ दर्शन के लिए आपके पास सबसे जल्दी पहुचने का विकल्प हवाई यात्रा ही होगी ,यहाँ के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट है जो देहरादून में स्थित है .यहाँ से केदारनाथ 230 किलोमीटर है जिसे आप सड़क परिवहन से तय कर सकते है.
रेलयात्रा से- केदारनाथ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जहाँ के लिए देश भर से ट्रेन उपलब्ध है .हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुँच कर आप बस या टैक्सी से यहाँ पहुँच सकते है.
सड़क मार्ग से- सड़क परिवहन में सबसे बेहतर विकल्प बस का होगा जो आपको हरिद्वार रेलवे स्टेशन से सुबह 3 से 4 बजे से शुरू हो जाता है .इसका किराया भी कम होता है जो 700 रूपये के लगभग होता है ,जिससे आप गौरीकुंड तक पहुँच सकते है.
ट्रैकिंग करके- गौरीकुंड पहुँचने पर सड़क मार्ग ख़त्म हो जायेगा ,अब यहाँ से केदारनाथ जी के लिए आपको 16 km की ट्रैकिंग करनी पड़ेगी जिसमे कम से कम 5 घंटे का समय लगेगा .अगर आप बुजुर्ग है या ट्रैकिंग नहीं कर सकते है तो यहाँ आपको पिट्ठू और खच्चर भी उपलब्ध है ,जिनका किराया काफी ज्यादा होता है.
हेलिकॉप्टर से- अगर आपको आसानी से केदारनाथजी पहुंचना है और अपने समय की बचत करनी है तो हेलिकॉप्टर बेस्ट रहेगा. केदारनाथ जी के लिए हेलिकॉप्टर सेवा आपको गुप्तकाशी,वाटा और सिरसी से मिलेगी ,जिसका किराया एक तरफ का 4000 और दोनों तरफ का 7500 के लगभग होता है.इसकी आप ऑनलाइन बुकिंग कर सकते है.
कहाँ रुकें-
बाबा केदारनाथजी के दर्शन के दौरान आपके ठहरने के लिए यहाँ होटल ,डारमेट्री और GMVN के cottages उपलब्ध है. यदि आप होटल में स्टे करना चाहते है तो आप गौरीकुंड से 5km पहले सोनप्रयाग में रुक सकते है ,यहाँ बेहतरीन होटल काफी कम रेट में मिल जायेंगे.डारमेट्री आपको सोनप्रयाग और गौरीकुंड में उपलब्ध है ,इसमें आप काफी कम खर्च में स्टे कर सकते है.अगर आप सीधा केदारनाथजी में स्टे करना चाहते है तो वहां आपको GMVN के कॉटेज मिल जायेंगे जिनका किराया 2000 से 4000 तक होता है और इनकी ऑनलाइन बुकिंग करानी पड़ती है.
बजट या खर्च-
यहाँ मै आपको इस यात्रा के कुल खर्च के बारे में बताऊंगा ,ध्यान रखें की मै एक साधारण यात्रा खर्च का ही जिक्र करूँगा जो हर कोई ओफ्फोर्ड कर सके ,जिसकी शुरुवात हरिद्वार से शुरू होगी .मै यहीं अपना घर मान कर यात्रा शुरू करता हूँ.हरिद्वार से गौरीकुंड का बस का किराया उप-डाउन मिलाकर 2000 रु ,स्टे में कम से कम 3000 रु ,भोजन खर्च लगभग 2500 रु और मंदिर में दर्शन के लिए कम से कम 1000रु खर्च होंगे .इस प्रकार आप टोटल खर्च देंखें तो प्रतिव्यक्ति कम से कम 8000 से 9000 रु होगी.
Places to visit near Kedarnath hindi-
बाबा केदारनाथ दर्शन के बाद यहाँ ऐसे कुछ सुंदर जगहें है जहाँ आप विजिट कर सकते है और केदारनाथ की ख़ूबसूरती का आनंद ले पाएंगे. ये जगहें है –
- आदि शंकराचार्य समाधी स्थल
- श्री भैरवनाथ मंदिर
- रूद्र ध्यान गुफा
- वासुकी ताल
- चोराबरी लेक
- फाटा
- घुट्टू वैली